मछली पकड़ने की सब्सिडी: लाभकारी या विनाशकारी?
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सरकार या सार्वजनिक संस्था द्वारा किसी उद्योग, जैसे कृषि या मत्स्य पालन में की गई आर्थिक सहायता को सब्सिडी कहते हैं। इस तरह की माली मदद में अनुदान और इक्विटी शामिल हो सकते हैं, लेकिन इनमें लोन की गारंटी, प्रोत्साहन या अधिक स्टॉक की ख़रीद भी शामिल हो सकते हैं। सब्सिडी का समर्थन करने वालों का कहना है कि सब्सिडी लागत को कम रखती है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देती है।
जब मछली पकड़ने के जहाज़ लंबी अवधि में व्यवहार्य की तुलना में अधिक मछली पकड़ने लगते हैं, जो संभावित रूप से मछली की आबादी और मुनाफ़े को कम कर सकते हैं, तब मछली पकड़ने की सब्सिडी चिंता का विषय बन जाती है। कुछ चुनिंदा देशों के बड़े जहाज़ भी इस तरह की सब्सिडी का लाभ उठाते हुए, स्थानीय स्तर पर (घरेलू मछली पकड़ने) के अलावा अपनी तटीय सीमाओं से दूर भी मछली पकड़ने लगते हैं। फिशिंग एक्सेस एग्रीमेंट (सुदूर पानी में मछली पकड़ने) के अनुसार, सब्सिडी कम आय वाले देशों के तटीय क्षेत्रों में मछली पकड़ने वाले बड़े जहाज़ों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा और सहायता प्रदान करती है। इसके अतिरिक्त, सब्सिडी अंतर्राष्ट्रीय जल को सभी बड़े जहाज़ों (गहरे समुद्र में मछली पकड़ने) के लिए सुलभ बनाती है। आमतौर पर माना जाता है कि सुदूर और गहरे समुद्री क्षेत्रों में मछली पकड़ना “ओवरफ़िशिंग (अत्यधिक मछली पकड़ने)” के साथ-साथ अवैध, गैर-सूचित और अनियमित तरीके से मछली पकड़ने की गतिविधियों को बढ़ावा देता है। नतीजतन, जो सब्सिडी कृत्रिम रूप से मछली पकड़ने की आय में वृद्धि करती है और देशों को स्थायी सीमा से परे मछली पकड़ने की अनुमति देती है, उसे “विनाशकारी मछली पकड़ने की सब्सिडी” कहा जाता है।
शोधकर्ताओं ने पिछले दो दशकों के डेटा का उपयोग करके तीन क्षेत्रों में नुकसानदायक सब्सिडी के प्रभाव की जाँच की: घरेलू स्तर पर मछली पकड़ना, सुदूर जल क्षेत्रों में मछली पकड़ना और गहरे समुद्री क्षेत्रों में मछली पकड़ना। शोध में उन शीर्ष दस देशों की भी पहचान की गई है जो मछली पकड़ने के लिए हानिकारक सब्सिडी प्रदान करते हैं, साथ ही समुद्र के उन क्षेत्रों का भी पता लगाया गया है जिन्हें इस तरह की सब्सिडी के परिणामस्वरूप सबसे अधिक नुक्सान हुआ है।
शोध के नतीजों के अनुसार, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका, थाईलैंड, ताइवान, स्पेन, इंडोनेशिया और नॉर्वे शीर्ष 10 देश हैं जिन्होंने कुल 15.3 बिलियन डॉलर की नुकसानदायक सब्सिडी दी है। घरेलू ($2.909 बिलियन) और दूर-समुद्र में मछली पकड़ने ($2.925 बिलियन) के लिए सब्सिडी देने वाले देशों की सूची में चीन सबसे ऊपर है, जबकि ताइवान गहरे-समुद्र में मछली पकड़ने ($252 मिलियन) के लिए सबसे अधिक सब्सिडी देने वाला देश है।
मछली पकड़ने की सबसे आम प्रकार की हानिकारक सब्सिडी ईंधन सब्सिडी है, हालांकि कर छूट, बंदरगाह विस्तार और बुनियादी ढांचे में सुधार इसके अन्य प्रकार हैं। लेखक इस ओर ध्यान आकर्षित करते हैं कि कैसे स्थानीय सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी ओवरफ़िशिंग, अवैध, गैर-सूचित और अनियमित मछली पकड़ने जैसी गतिविधियों को प्रोत्साहित कर सकती है। उदाहरण के लिए, शीर्ष दस सब्सिडी देने वाले देशों ने 2016 में कुल मिलाकर 47 मिलियन टन से अधिक “समुद्री भोजन” पकड़ा था, लेकिन आधिकारिक तौर पर केवल लगभग 39 मिलियन टन की सूचना दी गई थी। इसमें से कुल 68% घरेलू रूप से पकड़ा गया था, 29% दूर के पानी में मछली पकड़ने से आया था और 3% गहरे समुद्र में मछली पकड़ने से आया था।
क्योंकि स्थानीय सरकारी सब्सिडी का दुनिया भर में प्रभाव पड़ता है, इस शोध में इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि मछली पकड़ने की सब्सिडी को नुकसान पहुँचाने वाली घरेलू समस्या नहीं माना जा सकता है, जिसे राष्ट्रीय सीमा के अंदर हल किया जा सके। लेखकों की ये खोज कि मछली पकड़ने की सब्सिडी और सुदूर क्षेत्रों में मछली पकड़ने के बीच संबंध है – यानी दूरस्थ इलाकों में मछली पकड़ने पर अधिक सब्सिडी दी जाती है – इस बात को और मज़बूत करती है। नतीजतन, भारी मात्रा में नुकसानदायक सब्सिडी का दुष्प्रभाव स्थानीय महासागर के बजाय अन्य देशों के महासागर पर पड़ रहा है।
सामान्य तौर पर, अंतर्राष्ट्रीय मत्स्य व्यापार में डेटा और पारदर्शिता की कमी है। कम आय वाले विकासशील देशों के तटीय क्षेत्रों को इस्तेमाल करने के बदले में विकसित देशों द्वारा दी जाने वाली सहायता मछली पकड़ने के समझौतों में पारदर्शिता को रोकती है। इस शोध के लेखकों के अनुसार, दक्षिणी गोलार्ध के देशों में हुए आर्थिक नुकसान से पता चलता है कि इस तरह के समझौते अक्सर कम आय वाले देशों में स्थानीय लोगों के हित में नहीं होते हैं।
अपने वर्तमान स्वरूप में, मछली पकड़ने की सब्सिडी, सुरक्षित आजीविका हासिल करने, गरीबी कम करने और पौष्टिक भोजन प्रदान करने जैसे वैश्विक स्थिरता लक्ष्यों को पूरा करने की हमारी क्षमता को बाधित करेगी। विश्व व्यापार संगठन ने 2001 की शुरुआत में मछली पकड़ने की हानिकारक सब्सिडी पर प्रतिबंध लगाने की माँग की थी, लेकिन समय-समय पर चर्चा करने के बावजूद, सदस्य देश पिछले 20 वर्षों में किसी भी समझौते पर पहुँचने में असमर्थ रहे हैं। इस तरह के शोध द्वारा प्रदान की गई जानकारी, मछली पकड़ने के उचित और अधिक न्यायसंगत तरीकों के लिए आधार तैयार करेंगे। जो पशु अधिकार कार्यकर्ता औद्योगिक मछली पकड़ने पर रोक लगाना चाहते हैं और जनता की राय बदलने के साथ-साथ सब्सिडी के ज़रिए हमारे समुद्रों का दुरुपयोग करने वालों को दंडित करने के लिए सख्त़ क़ानून की माँग कर रहे हैं, यह रिपोर्ट उनके लिए उपयोगी साबित हो सकती है।
